वो कौन है जो दस्तक, देकर गया मेरे दर तक?
शायद अजनबी कोई!
या शख्स पहचाना सा कोई?
बिसारी हुई बातें कोई!
या यादों की इक कहानी कोई!
वो कौन है जो लौटा, दस्तक देकर मेरे घर तक?
बेचैन कर गया कोई!
नींदे मेरी लेकर गया कोई!
इन्तजार दे गया कोई!
सुकून मन का ले गया कोई!
वो कैसी थी दस्तक, न मिलती है दिल को राहत?
ऐसा तो न था कोई!
दुश्मन तो मेरा न था कोई!
वो पागल होगा कोई?
या नशे में बहका होगा कोई?
वो दे गया ऐसी दस्तक, दुविधा में रहा मैं देर तक?
अब बीते हैं दिन कई,
दस्तक फिर दे रहा था कोई!
बाहर न खड़ा था कोई!
चुप, बुत सा मैं अकेला था वहीं!
एकाकीपन की दस्तक, न आना अब मेरे दर तक...
शायद अजनबी कोई!
या शख्स पहचाना सा कोई?
बिसारी हुई बातें कोई!
या यादों की इक कहानी कोई!
वो कौन है जो लौटा, दस्तक देकर मेरे घर तक?
बेचैन कर गया कोई!
नींदे मेरी लेकर गया कोई!
इन्तजार दे गया कोई!
सुकून मन का ले गया कोई!
वो कैसी थी दस्तक, न मिलती है दिल को राहत?
ऐसा तो न था कोई!
दुश्मन तो मेरा न था कोई!
वो पागल होगा कोई?
या नशे में बहका होगा कोई?
वो दे गया ऐसी दस्तक, दुविधा में रहा मैं देर तक?
अब बीते हैं दिन कई,
दस्तक फिर दे रहा था कोई!
बाहर न खड़ा था कोई!
चुप, बुत सा मैं अकेला था वहीं!
एकाकीपन की दस्तक, न आना अब मेरे दर तक...
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