क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
यूं बुन रहा हूं मैं ये ख्याल,
कभी तो मिल जाएगा विसाल-ए-यार,
होश में न रह पाएंगे हम,
वो कर जाएंगे हमें बेख्याल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
है आफताब सा उनका नूर,
ढ़ला संगमरमर में है वो दीदार-ए-यार,
है उनसे ही तो ये रौशनी,
उनकी ही रंग से है ये गुलाल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
है बला की उनकी सादगी,
है जेहन मे बस वो ही ख्याल-ए-यार,
झुकी हुई सी वो निगाह,
यूं ही जीना न कर दे मुहाल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
यूं ही बुनता रहा मैं ख्याल,
यूं ही सपनों में बस विसाल-ए-यार,
शुकून उन्ही की वस्ल में,
है उन्ही में खोए हम बेख्याल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
यूं बुन रहा हूं मैं ये ख्याल,
कभी तो मिल जाएगा विसाल-ए-यार,
होश में न रह पाएंगे हम,
वो कर जाएंगे हमें बेख्याल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
है आफताब सा उनका नूर,
ढ़ला संगमरमर में है वो दीदार-ए-यार,
है उनसे ही तो ये रौशनी,
उनकी ही रंग से है ये गुलाल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
है बला की उनकी सादगी,
है जेहन मे बस वो ही ख्याल-ए-यार,
झुकी हुई सी वो निगाह,
यूं ही जीना न कर दे मुहाल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
यूं ही बुनता रहा मैं ख्याल,
यूं ही सपनों में बस विसाल-ए-यार,
शुकून उन्ही की वस्ल में,
है उन्ही में खोए हम बेख्याल!
क्या दूं मै मिसाले यार? वो तो है बेमिसाल!
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