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Sunday, 27 May 2018

प्रार्थना

श्रद्धा सुमन, है तुझको अर्पण,
नमन है मेरा, हे भगवन! है तुझको नमन!

स्वीकार लो ये मेरी प्रार्थना,
निष्काम निष्कपट मेरी साधना,
भूल कोई भी, गर मैं करूं,
तू ही, बाँहें मेरी थामना,
बस और कुछ भी, मैं चाहूं ना,
देना यही इक आशीर्वचन....

श्रद्धा सुमन है तुझको अर्पण,
नमन है मेरा, हे भगवन! है तुझको नमन!

कहीं भटकें हो जब राहों में,
विमुख हों कर्मपथ से ये कदम,
खुद पे अहंकार मैं करूं,
तुम मार्गदर्शक बनना,
बस और कुछ भी, मैं चाहूं ना,
देना ज्ञान की ऐसी किरण....

श्रद्धा सुमन है तुझको अर्पण,
नमन है मेरा, हे भगवन! है तुझको नमन!

प्रभा विहीन हो जब प्रभात,
दुष्कर सी हो जब ये काली रात,
अपनी ही साये से मैं डरूं,
तू ही, मशाल थामना,
बस और कुछ भी, मैं चाहूं ना,
देना प्रकाशित वो ही किरण....

श्रद्धा सुमन है तुझको अर्पण,
नमन है मेरा, हे भगवन! है तुझको नमन!

Sunday, 10 January 2016

सूर्य नमन

नमन आलिंगन नव प्रभात, 
हे रश्मि किरण तुम्हारा,
खुद अग्नि मे हो भस्म,
तम हरती करती उजियारा।

जनकल्यान परोपकार हेतु
पल-पल भस्म तू होती,
ज्वाला ज्यों-ज्यों तेज होती,
प्रखर होती तेरी ज्योति ।

विश्व मे पूजित हो पाने का,
अवश्यमभावी मंत्र यही है,
निष्काम्-निःस्वार्थ परसेवा,
जीवन का आधार यही है।

सीख सभ्यता को नितदिन,
तू देता निःशुल्क महान,
परमार्थ कार्य तू भी सीख,
मानव हो जगत कल्याण।