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Friday, 24 June 2022

मनमीत वो ही


गुम हो, तुम कहीं,
पर तेरी परछाईयां, थी अभी तो यहीं,
तुम, गुम तो नहीं!

ज्यूं पर्वतों के दायरों में, एक खाई,
तलहटों में, सागरों के, दुनिया इक समाई,
लगती, अनबुझ सी इक पहेली,
अन-सुलझी, अन-कही,
यूं, तुम हो कहीं!

मुड़ गए कहीं उधर, मन के सहारे,
दूर, जाने किस किनारे, बिखरे शब्द सारे, 
चुन कर, लिख दूं, गीत वो ही,
बुन लूं, मनमीत वो ही,
वो, गुम ही सहीं!

रख लूं बांध कर, सब से चुरा लूं,
खुद को मना लूं, पर ये मन कैसे संभालूं,
ढूंढ लूं, फिर वही, परछाईयां,
फिर, वो ही, तन्हाईयां,
यूं, तुम संग कहीं!

गुम हो, तुम कहीं,
पर तेरी परछाईयां, थी अभी तो यहीं,
तुम, गुम तो नहीं!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
  (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Thursday, 1 March 2018

होली

रंग जाऊँगा मैं प्रीत पीत, होली में ऐ मनमीत मीत...

निभाऊँगा मैं प्रीत रीत, 
तेरा बन जाऊँगा मैं मनमीत मीत,
रंग लाल टेसूओं से लेकर,
संग उलझते गेसूओं को लेकर,
गुलाल गालों पर मलकर,
मनाऊँगा होली, मैं मनमीत मीत....

रंग जाऊँगा मैं प्रीत पीत, होली में ऐ मनमीत मीत...

बरजोरी लगाऊं रंग-रंग मै,
तुझको ही लगाऊं रंग अंग-अंग मैं,
तेरे ही चलूंगा संग-संग मैं,
तेरे नाज नखरों के पतंग लेकर,
हवाओं में ही संग लेकर,
सजाऊँगा होली, मैं मनमीत मीत...

रंग जाऊँगा मैं प्रीत पीत, होली में ऐ मनमीत मीत...
 
तेरी मांग मे गुलाल भरकर,
तेरे नैनों में सिन्दूरी ख्याल रखकर,
मन के सारे मलाल धोकर,
सतरंगी राह के सब ख्वाब देकर,
हकीकत के ये रंग लेकर,
खिलाऊँगा होली, मैं मनमीत मीत...

रंग जाऊँगा मैं प्रीत पीत, होली में ऐ मनमीत मीत...

तेरी भाल पर बिंदी सजे,
रंगीन आँचल सदा खिलता रहे,
चूड़ी हमेशा बजती रहे,
पायल से रुनझुन संगीत लेकर,
ह्रदय में उठते गीत लेकर,
गाऊँगा होली ही, मैं मनमीत मीत...

रंग जाऊँगा मैं प्रीत पीत, होली में ऐ मनमीत मीत...

Friday, 2 September 2016

पायल

छुनुन-छुनुन पायल की बजने लगी हैं फिर,
तहजीब के तराने वो पायल सुनाने लगी हैं फिर,
उनकी पाॅवों में पायल सजने लगी हैं फिर।

उनके आने की आहट देगी मुझे वो पायल,
दिल में छुपी जो बातें कहेंगी मुझसे वो पायल,
छनन-छन पायल अब गाएंगी कोई गजल।

गुंजेगी घर में मेरे उनके पायल की संगीत,
गाएंगे साथ उनके दीवारों पे लिखे ये मेरे गीत,
सुरमंदिर सा होगा आंगन, ऐ मेरे मनमीत।

सदियों तलक गुंजेंगी, ये पायल की सदाएं,
कह देंगी सारी बातें, लब जो कभी कह न पाए,
फिर बज रही है पायल, शायद हैं वो आए!