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Monday, 18 July 2016

ओ मेरे साजन

फुहारें रिमझिम की लेकर आई फिर साजन की यादें..........

घटाओं ने आँचल को बिखेरे हैं यूँ झूम-झूमकर,
बिखरी हैं बूंदें सावन की तन पर टूट-टूटकर,
वो कहते हैं इसको, है यह सावन की पहली फुहार,
मन कहता है, साजन ने फिर आज बरसाया हैं मुझ पर प्यार।

साजन मेरा साँवला सा, है सावन का वो संगी,
साथ-साथ रहते हैं दोनो, उन घटाओं के उपर ही,
वो कहते है, बावला है प्रियतम तेरा बरसाता है फुहार,
मन कहता है, दीवाना है साजन मेरा करता वो मुझसे गुहार।

ओ काले बादल जाकर मेरे साजन से तुम ये कहना,
छुप-छुपकर बूँदों से मेरे तन को ना सहलाए,
कोरा आँचल भींगा-भीगा सा पहना है मैंने भी तन पर,
लहरा दे इनको भी प्यार से, छलका दे ऱिमझिम सी फुहार।

ओ मेरे नटखट साँवले से मधुप्रिय साजन,
तुम झिटको फिर से घटाओं का ये भींगा सा आँचल,
पड़ने तो फुहार ऱिमझिम की तन पर टूट-टूटकर,
भीगे ये काया, भीगे ये मन, भीग जाए मेरे आँगन की बहार।

Monday, 7 March 2016

वो करती क्या? गर साँवला रंग न मेरा होता!

रंग साँवला मेरा, है प्यारा उनको,
वो करती क्या? गर साँवला रंग न मेरा होता......!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....

पल पल वो तिल तिल मरती,
अन्दर ही अन्दर जीवन भर घुटती,
मन पर पत्थर रखकर वो जीती,
विरक्ति जीवन से ही हो जाती,
या शायद वो घुट घुट दम तोड़ देती!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....

पलकें अपलक उनकी ना खुलती,
भीगी चाँदनी में रंग साँवला कहाँ देेखती,
पुकारती कैसे फिर अपने साँवरे को,
विरहन सी छंदहीन हालत होती,
शायद जीवन ही सारी पीड़ा मय होती!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....

नैनों से सपने देखना वो भूल जाती,
रातें बीतती उनकी करवट लेती,
मन का चैन कही वादियों में वो ढ़ूंढ़ती,
दिन ढ़ल जाते उनके ख्वाहिशों में,
ये रातें शायद हसरतों वाली ना होती!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....

आँसुओं मे डूबी ये जीवन होती,
रातों में उनकी आँखें डबडब जगती,
जाने किन ख्यालों में खोई होती,
जीवन सारा बोझ सा वो ढ़ोती,
जीते जी शायद वो बेचारी मर जाती!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....
होता क्या? गर होता रंग गोरा मेरा........!

प्यारा प्यारा सा ये जीवन न होता,
एकाकीपन इस मन में पलता,
ना तू सजनी होती न मैं तेरा साजन होता,
मेरा भी कोई जीवन साथी न होता,
अधूरी तुम होती और अधूरा मैं मर जाता!

शायद!.....शायद क्या? सही में.....
वो करती क्या? गर साँवला रंग न मेरा होता......!