उड़ता सा, कोई आँचल हो तुम,
छल जाए, मन को, वो इक, बादल हो तुम!
कभी, किरणों संग, उतर कर,
चली आई, जमीं पर,
झूल आई, कभी आसमां पर,
कभी, सितारों का इक,
कारवाँ हो तुम!
छल जाए, मन को...
सांझ सा, एक बहता किनारा,
कब, हो सका हमारा,
पर, गुजारे हैं, पल सारे यहीं,
रूठी हुई, उम्मीदों का,
सहारा हो तुम!
छल जाए, मन को...
भटका सा, कोई आवारा घटा,
चुरा ना ले, तेरी छटा,
स॔भाल दूँ, आ ये आँचल जरा,
एक अल्हड़ सी कोई,
रवानी हो तुम!
छल जाए, मन को...
जरा देख लूँ, तुझे निष्पलक,
निहार लूँ, अ-पलक,
बदलता, बहुरूपिया फलक,
आकाश में, घुली सी,
चाँदनी हो तुम!
उड़ता सा, कोई आँचल हो तुम,
छल जाए, मन को, वो इक बादल हो तुम!
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