दंगों के विष, घूँट-घूँट हम पी जाएंगे,
आगजनी, गोलीबारी,
तन-बदन और सीनों पर, झेल जाएंगे,
लेकिन, मन की तंग गलियारों से,
आग की, उठती लपटें,
धू-धू, उठता धुआँ,
इन साँसों में, कैसे भर पाएंगे?
जलता मन, सुलगता बदन,
आघातों के, हर क्षण होते विस्फोट,
डगमगाता विश्वास,
बहती गर्म हवाएँ, सुलगते से ये होंठ,
जहरीली तकरीरें, टूटती तस्वीरें,
चुभते, बिखरे से काँच,
सने, खून से दामन,
इस मन को, कैसे जोड़ पाएंगे?
मन के, ये तंग से गलियारे,
नफ़रतों, साज़िशों की ऊँची दीवारें,
वैचारिक अंन्तर्द्वन्द,
अन्तर्विरोध व अन्तः प्रतिशोध के घेरे,
अवरुद्ध हो चली, वैचारिकताएं,
घिनौनी मानसिकताएं,
चूर-चूर, होते सपने,
इन नैनों में, कैसे बस पाएंगे?
इन, तंग गलियारों में ....
माना, हम सब सह जाएंगे!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 26 फरवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteआभारी हूँ आदरणीया दी।
Deleteउम्दा रचना पुरुषोत्तम जी
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद अश्विनी जी।
Deleteआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 27.02.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3624 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
ReplyDeleteधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सादर आभार आदरणीय विर्क जी।
Deleteदेश की चिंता करना और नफरत के तंग गलियारों से निकलने का आह्वान करना ही सबसे उत्तम है | सादर
ReplyDeleteआदरणीया रेणु जी, रचना की सराहना हेतु हृदयतल से आभार । पुनः स्वागत है आपका।
Deleteआदरणीय पुरुषोत्तम जी . नित नये बदलते और आहत करते घटनाक्रम पर ये रचना बहुत प्रभावी और सराहनीय है सच है नित बहुत कुछ एसा घट रहा है, जिसे सहना और चुप रहना हमारी मज़बूरी बन गयी है |कलम जब देश और समाजहित के लिए उठती है तो उससे लिखना सार्थक होता है | देश की चिंता करना सभी कलमधारियों का पहला कर्तव्य है | नफरत के इन तंग गलियारों से निकलने में ही हमारा कर्म और धर्म दोनों निहित है | सुंदर रचना के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं ?
ReplyDeleteआज कल होने वाली ऐसी घटनाओं व विषम परिस्थितियों से कौन प्रभावित न हो।
Deleteयह एक गंभीर चिंतन का विषय है।
आदरणीया रेणु जी, रचना की सराहना व इससे जुड़ने हेतु हृदयतल से आभार ।
सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय ओंकार जी।
DeleteVery nice Purushottam!
ReplyDelete-Rajesh
Thanks Dear Rajesh....
DeleteKeep on ...Its really great to see you here on this platform ....you are close to my heart...
Nice Post...
ReplyDeleteWelcome Back to my blog
Thanks Dear Sanju ji
DeleteStrange "water hack" burns 2lbs overnight
ReplyDeleteWell over 160 000 men and women are hacking their diet with a easy and secret "liquids hack" to lose 1-2lbs each night in their sleep.
It is simple and it works all the time.
Here's how to do it yourself:
1) Go grab a glass and fill it up with water half full
2) Proceed to follow this proven hack
so you'll be 1-2lbs skinnier as soon as tomorrow!