Sunday, 27 November 2022

सालगिरह - 29वां


उनको छू कर,
किनारों से, गुजर रही है ये उमर!

बहाव सारे, बन गए किनारे,
ठहराव में हमारे,
रुक गया, ये कहकशां,
बनकर रह-गुजर!

उनको छू कर,
किनारों से, गुजर रही है ये उमर!

रश्क करता, मुझ पे दर्पण,
भर के आलिंगन,
निहारकर, पल दो पल, 
यूं जाता है ठहर!

उनको छू कर,
किनारों से, गुजर रही है ये उमर!

जज्बात में, इक साथ वो,
अनकही बात वो,
लिख दूं, कैसे, सार वो,
यूं ही कागजों पर!

उनको छू कर,
किनारों से, गुजर रही है ये उमर!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)
At Kolkata....


14 comments:

  1. अतिसुंदर अभिव्यक्ति

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  2. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-11-22} को "उम्र को जाना है"(चर्चा अंक 4622) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    ------------
    कामिनी सिन्हा

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  3. शादी के २९वे सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं आपको, परमात्मा आप दोनों की जोड़ी बनाएं रखें 🙏

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  4. सालगीरह की हार्दिक शुभकामनाएं

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  5. हार्दिक शुभकामनाएं!

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  6. अति सुन्दर आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐

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  7. बहुत सुंदर, ढेरों शुभकामनाएं

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