भीगे इन नग्मों को, तुम दोहराओ ना...
उल्लास भरे ये नग्में, हैं जीवन के,
छम-छम करती ये धुन, हैं यौवन के,
गम को छोड़ो, मुस्काओ ना,
भीगे इन नग्मों को, दोहराओ ना!
बूंदों ने छेड़े गीत नए, तुम संग गाओ ना..
देखो साए वे पर्वत के, खिल आए,
वो दूर गगन, उस पर्वत पे घिर आए,
तुम भी, दामन फैलाओ ना,
आशाओं के पल, चुन लाओ ना!
बूंदों ने छेड़े गीत नए, तुम संग गाओ ना..
झूलती बेलें, वीथिकाओं संग खेलें,
झूमती वे शाखें, पतझड़ के दिन भूले,
रीत यही, यूं अपना लो ना,
गीत कोई, इस धुन पर गाओ ना!
बूंदों ने छेड़े गीत नए, तुम संग गाओ ना,
भीगे इन नग्मों को, तुम दोहराओ ना...