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Saturday, 2 May 2020

लाॅकडाउन

उलझे ये दिन है, कितने सवालों में!
घिर कर, अपने ही उजालों में, 
जीवन के जालों में!

बीता हूँ कितना, कितना मैं बचा हूँ?
कितना, मैं जीवन को जँचा हूँ,
हूँ शेष, या अवशेष हूँ,
भस्म हूँ या भग्नावशेष हूँ,
या हवन की रिचाओं में रचा हूँ!

उलझाते रहे, बीतते लम्हों के हिस्से,
छीनते रहे, मुझको ही मुझसे,
मेरे, जीवन के किस्से,
कैद हो चले, मेरे वो कल,
बचे हैं शेष, आखिरी ये हिस्से!

कतई ऐसा न था, जैसा मैं आज हूँ,
जैसे पहेली, या मैं इक राज हूँ,
बिल्कुल, अलग सा,
तन्हा, सर्वथा लाॅकडाउन हूँ,
बुत इक अलग , मैं बन गया हूँ !

सम्भाल लूँ अब, जो थोड़ा बचा हूँ!
जो उनकी, किस्सों में रचा हूँ,
बीत जाना, भी क्या?
तनिक शेष, रह जाऊँ यहाँ,
यूँ ही व्यतीत हो जाना भी क्या?

उलझे ये दिन है, कितने सवालों में!
घिर कर, अपने ही उजालों में, 
जीवन के जालों में!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Thursday, 25 October 2018

यही थे राह वो

चले थे सदियों साथ जो, यही थे राह वो.....

वक्त के कदमों तले, यही थे राह वो,
गुमनाम से ये हो चले अब,
है साथ इनके, वो टिमटिमाते से तारे,
टूटते ख्वाबों के सहारे,
ये राह सारे, अब है पतझड़ के मारे.....

चले थे सदियों साथ जो, यही थे राह वो.....

बिछड़े है जो कही, यही थे राह वो,
संग मीलों तक चले जो,
किस्से सफर के सारे, है आधे अधूरे,
तन्हा बातों के सहारे,
ये राह सारे, अब है पतझड़ के मारे.....

चले थे सदियों साथ जो, यही थे राह वो.....

बदलते मौसमों मे, यही थे राह वो,
बहलाती हैं जिन्हें टहनियाँ,
अधखिले से फूल, सूखी सी कलियाँ,
शूल-काटो के सहारे,
ये राह सारे, अब है पतझड़ के मारे.....

चले थे सदियों साथ जो, यही थे राह वो....

Tuesday, 13 March 2018

बातें

बस कहने को है ये दुनिया भर की बातें....

वो चंद किस्से, वो चंद मुलाकातें,
फिर न जाने......
तुम कहां और हम कहां थे,
अब दामन में आए....
ये छोटे से दिन, वो लम्बी सी रातें....

बस कहने को है ये दुनिया भर की बातें....

कुछ यादों के पल मिले थे जिन्दगी के,
वो दो चार पल......
जब बहके थे हम दिल्लगी से,
जीवंत पल वो खुशी के.....
अब गूंजते है जेहन में वो ही बातें.....

बस कहने को है ये दुनिया भर की बातें....

वो ही चंद किस्से, वो ही चंद बातें,
फिर वही मुलाकातें....
वो ही संग जीवंत धड़कनों का,
वो बहकी सी जज्बातें....
काश! फिर वही पल मुझे मिल पाते.....

बस कहने को है ये दुनिया भर की बातें....