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Tuesday, 16 January 2018

बवाल जिन्दगी

संवेदनाओं के सरसब्ज ताल में, खुशहाल जिन्दगी...

बड़ी बवाल जिन्दगी, बेमिसाल जिन्दगी,
मसरूफियत में है, सरसब्ज सवाल जिन्दगी,
सारे सवाल का है जवाब जिन्दगी,
सराहत से परे, व्यस्त और बवाल जिन्दगी!

वेदनाओं से, विचलित न हुआ कभी,
संवेदनाओं के ताल में, विचरती रही जिंदगी,
ठहरी अगर, पल भर भी ये कहीं,
शजर गई संवेदनाएँ, चल पड़ी ये जिन्दगी!

मसरूफ जिन्दगी के, सरसब्ज राह ये,
न रुकी है ये किनारे, संवेदनाओं के ताल के,
मशगूल सी, ये रही है हर घड़ी,
वक्त के सरखत पे, छोड़ती निशाँ जिन्दगी!

सरनामा न कोई, जिन्दगी की राह का,
कैसे करूँ मैं सराहत, जिन्दगी के पैगाम का,
व्याख्या से परे, सरसब्ज जिन्दगी,
शजरती संवेदनाओं के, उस पार जिन्दगी!
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मसरूफ: 
व्यस्त, काम में लगा हुआ ; मशगूल 
किराया या अन्य लेन-देन संबंधी हिसाब लिखने की छोटी बही, किसी प्रकार का अधिकार पत्र अथवा प्रमाण-पत्र, परवानाआज्ञापत्र
किसी लेख आदि का शीर्षक, किसी पत्र आदि में संबोधन के रूप में लिखा जाने वाला पद, भेजे जाने वाले पत्र पर लिखा जाने वाला पता। 
हरा-भरा; उर्वर; लहलहाता हुआ; जो सूखा न हो, वनस्पतियों और हरियाली से युक्त, संतुष्टप्रसन्नख़ुशहाल; फलता-फूलता