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Thursday, 11 February 2016

मेरी साधना

गीत मैं वो गा न सका, क्या कभी गा पाऊंगा?

सदियों साधना की उस संगीत की,
अभिमान था मुझको मेरे दृढ़ विश्वास पर,
पर साथ दे न सका मुझको मेरा अटल विश्वास,
असफल रही कठिन साधना मेरी।

गीत मैं वो गा न सका, गीत मैं वो दोहरा न सका।

सुर ही कठिन है इस जीवन संगीत का,
या साधना के योग्य नही बन पाया मै ही शायद,
साधक हूँ मैं पर! निरंतर रत रहूंगा साधना मे,
है मुझको विश्वास लगन पर मेरी।

गीत मैं जो गा न सका, गीत मैं वो फिर दोहराऊंगा!