डूब कर खिलते हैं, कुछ फूल, नदी किनारे,
सूख कर बिखरते हैं धूल, नदी किनारे।
एक विरोधाभास, दो मनोभाव,
एक निरंतर बहती नदी, दो प्रभाव,
इच्छाओं से, जिजीविषा तक!
दो विपरीत कामनाएं, एक ही फैलाव,
सिमट आते हैं सारे, नदी किनारे!
जीवित है, धूल में इक आशा,
कभी तो, रीत जाएगी वो जरा सा,
नदी, खुद आएगी उस तक!
फूल सा, खिल जाएगी वो भीग कर!
धूप सहती है धूल, नदी किनारे!
सुदूर पड़ी, वो धूल हैं आकुल,
सदियों से, मन उनके हैं व्याकुल,
नदी, कब आएगी उस तक?
कब फूल, बन पाएंगी वो खिल कर?
पछताती वो धूल, नदी किनारे!
आश-निराश के, ये दो कण,
तृप्ति-अतृप्ति के, वो मौन क्षण,
पसरा, नदी का वो आँचल,
खामोश बहती, कल-कल सी जल,
चुप-चुप हैं सारे, नदी किनारे!
डूबकर खिलते हैं, कुछ फूल, नदी किनारे,
सूख कर बिखरते हैं धूल, नदी किनारे।
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
सूख कर बिखरते हैं धूल, नदी किनारे।
एक विरोधाभास, दो मनोभाव,
एक निरंतर बहती नदी, दो प्रभाव,
इच्छाओं से, जिजीविषा तक!
दो विपरीत कामनाएं, एक ही फैलाव,
सिमट आते हैं सारे, नदी किनारे!
जीवित है, धूल में इक आशा,
कभी तो, रीत जाएगी वो जरा सा,
नदी, खुद आएगी उस तक!
फूल सा, खिल जाएगी वो भीग कर!
धूप सहती है धूल, नदी किनारे!
सुदूर पड़ी, वो धूल हैं आकुल,
सदियों से, मन उनके हैं व्याकुल,
नदी, कब आएगी उस तक?
कब फूल, बन पाएंगी वो खिल कर?
पछताती वो धूल, नदी किनारे!
आश-निराश के, ये दो कण,
तृप्ति-अतृप्ति के, वो मौन क्षण,
पसरा, नदी का वो आँचल,
खामोश बहती, कल-कल सी जल,
चुप-चुप हैं सारे, नदी किनारे!
डूबकर खिलते हैं, कुछ फूल, नदी किनारे,
सूख कर बिखरते हैं धूल, नदी किनारे।
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
सुप्रभात ....बहुत सुंदर रचना रचना, रचना ना हुई मानो जिंदगी के उतार-चढ़ाव को रेखांकित करती एक कैनवस हो गई...... सुंदर शब्दों का चयन रचना में निहित कोमल भावनाओं को प्रस्तुत कर रहा है!! बहुत-बहुत बधाई इतनी अच्छी रचना के लिए..!!
ReplyDeleteहृदयतल से आभार आदरणीया। ब्लॉग पर स्वागत है आपका ।
Deleteसुप्रभात ....बहुत सुंदर रचना रचना, रचना ना हुई मानो जिंदगी के उतार-चढ़ाव को रेखांकित करती एक कैनवस हो गई...... सुंदर शब्दों का चयन रचना में निहित कोमल भावनाओं को प्रस्तुत कर रहा है!! बहुत-बहुत बधाई इतनी अच्छी रचना के लिए..!!
ReplyDeleteहृदयतल से आभार आदरणीया। ब्लॉग पर स्वागत है आपका ।
Deleteवाह आदरणीय सर जीवन को परिभाषित बहुत सुंदर,अनुपम,मनभावन पंक्तियाँ 👌
ReplyDeleteसादर नमन
हृदयतल से आभार आदरणीया। ब्लॉग पर स्वागत है आपका ।
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