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Sunday, 22 November 2020

खाली कोना

खाली सा, 
कोई कोना तो होगा मन का!

तेरा ही मन है, 
लेकिन!
बेमतलब, मत जाना मन के उस कोने,
यदा-कदा, सुधि भी, ना लेना,
दबी सी, आह पड़ी होगी,
बरस पड़ेगी!
दर्द, तुझे ही होगा,
चाहो तो,
पहले,
टटोह लेना,
उजड़ा सा, तिनका-तिनका!

खाली सा, 
कोई कोना तो होगा मन का!

तेरा ही दर्पण है, 
लेकिन!
टूटा है किस कोने, जाना ही कब तूने,
मुख, भूले से, निहार ना लेना!
बिंब, कोई टूटी सी होगी,
डरा जाएगी!
पछतावा सा होगा,
चाहो तो,
पहले, 
समेट लेना,
बिखरा सा, टुकड़ा-टुकड़ा!

खाली सा, 
कोई कोना तो होगा मन का!

सुनसान पड़ा ये, 
लेकिन!
विस्मित तेरे पल को, संजोया है उसने,
संज्ञान, कभी, उस पल की लेना!
गहराई सी, वीरानी तो होगी,
चीख पड़ेगी!
पर, एहसास जगेगा,
चाहो तो,
पहले, 
संभाल लेना,
सिमटा सा, मनका-मनका!

खाली सा, 
कोई कोना तो होगा मन का!

- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 
   (सर्वाधिकार सुरक्षित)

Friday, 1 April 2016

ये अलग बात है कि...!

ये अलग बात है कि.............

दुनियाँ की इस भीड़ मे एक हम भी हैं,
ये अलग बात है कि हम दिखते नही हैं इस भीड़ में।

अंजान शक्लों के ढ़ेर सी है ये दुनियाँ,
ये अलग बात है कि हम ढ़ूंढ़ते है कोई अपना यहाँ ।

अलग अलग से शक्ल हैं इस भीड़ में,
कौन किसको देखता है यहाँ अंजान सी इस भीड़़ में।

उतरे हुए से शक्ल हर शख्श के हैं यहाँ,
अपना कोई मिल गया तो खिल जाते हैं चेहरे यहाँ ।

नाम रिश्तों का देकर भूल जाते है सब,
ये अलग बात है कि हम रिश्ते निभा रहे हैं अबतक।

मतलब की बात न हो तो सुनते कहाँ हैं सब,
ये अलग बात है कि हम यहाँ सुने जा रहे बेमतलब।

इस भीड़ की तन्हाईयों मे घुट चुके हैं दम,
ये अलग बात है कि अब तलक यहाँ जी रहे हैं हम।

ये अलग बात है कि.............

Tuesday, 22 March 2016

बेमतलब कोई बात बने

बेमतलब ही आँचल स्नेह का मिल जाए तब कोई बात बने!

वो कहते कुछ अपनी कह लूँ तब कोई बात बने!
साथ कहाँ कोई देता जग में यूँ ही,
यूँ बिन मतलब के बात यहाँ करता क्या कोई?
सबकी अपनी धुन सबकी अपनी राह,
मतलब की है सब यारी मतलब की सब बात,

बेमतलब की बातें दिल की कोई सुन ले तब बात बने।

वो कहते दो चार कदम मैं चल लूँ तब साथ बने!
क्या कदमों का चलना ही जीवन है?
दो चार कदम संग ढ़लना ही क्या जीवन है?
सबकी अपनी चाल सबका अपना रोना है,
जीवन बस इक राग, साथ-साथ जिसको गाना है।

बेमतलब ही कोई संग गीत गुनगुना ले तब कोई बात बने।

बेमतलब ही साया प्यार का मिल जाए तब कोई बात बने!