खत कितने ही, लिख डाले हमनें,
कितने ही खत, लिखकर खुद फाड़ डाले,
भोले-भाले, कितने हम मतवाले!
बेनाम खत, खुद में ही गुमनाम खत,
अनाम खत, वो बदनाम खत,
अंजान खत, उनके ही नाम खत,
खत, मेरी ही अरमानों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
अनकहे शब्दों में, ढ़लकर गाते खत,
हृदय की बातें, कह जाते खत,
भीगते खत, नैनों को भिगाते खत,
खत, मेरी ही जागी रातों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
करुणा में डूबे, भाव-गीत वाले खत,
प्रेम संदेशे, ले जाने वाले खत,
पीले खत, सुनहले रंगों वाले खत,
खत, मेरी हृदय के छालों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
खत कितने ही, लिख डाले हमनें,
कितने ही खत, लिखकर खुद फाड़ डाले,
भोले-भाले, कितने हम मतवाले!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
कितने ही खत, लिखकर खुद फाड़ डाले,
भोले-भाले, कितने हम मतवाले!
बेनाम खत, खुद में ही गुमनाम खत,
अनाम खत, वो बदनाम खत,
अंजान खत, उनके ही नाम खत,
खत, मेरी ही अरमानों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
अनकहे शब्दों में, ढ़लकर गाते खत,
हृदय की बातें, कह जाते खत,
भीगते खत, नैनों को भिगाते खत,
खत, मेरी ही जागी रातों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
करुणा में डूबे, भाव-गीत वाले खत,
प्रेम संदेशे, ले जाने वाले खत,
पीले खत, सुनहले रंगों वाले खत,
खत, मेरी हृदय के छालों वाले,
कितने ही खत, लिखकर फाड़ डाले!
खत कितने ही, लिख डाले हमनें,
कितने ही खत, लिखकर खुद फाड़ डाले,
भोले-भाले, कितने हम मतवाले!
- पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
Bahut khoobsurat rachna 👌👌👌
ReplyDeleteआदरणीय नीतू जी, बहुत-बहुत धन्यवाद ।आभारी हूँ ।
Deleteबहुत ही खूबसूरती से आपने इस कविता में अनकहे शब्दों में चित्रण किया है.. हमेशा की तरह यह कविता भी दिल को छूती है!!
ReplyDeleteपुनः स्वागत है आदरणीय संजय भास्कर जी। प्रेरक शब्दों हेतु आभारी हूँ ।
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