Saturday, 27 February 2016

तुम ही तुम हो नजरों मे

नजरों का धोखा नहीं, मेरी हकीकत हो तुम।

तुम ही तुम हो नजरों मे,
साँसों में हो तुम धड़कन में,
चांदनी सी तुम आओ जीवन में।

चाँदनी सी रौशन हो, मेरी हकीकत हो तुम।

तरसी है ये मन की जमीं,
मैं हूँ कही और दिल है कहीं,
आओ तुम सिमट जाऊँ तुम मे कहीं।

दूर तुम मुझसे नहीं, मेरी हकीकत हो तुम।

जनमों से तुम आँखों मे हो,
अब कहीं तुम मुझको मिले हो,
जीवन की राहों मे अब बस तुम ही हो।

जनमों की आरजू हो, मेरी हकीकत हो तुम।

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