Monday, 21 March 2016

अधूरे सपने

ठहरे से जीवन में छोटी सी खुशी के पल ये अधूरे सपने.....!

रात के अंधेरे रंगीन सपनों से पटे हुए,
दिन के उजाले संकलित भविष्य के विराट मार्ग।

दोनो तो सपने ही हैं गर मानों तो,
एक बंद आँखों से तो दूसरी खुली आँख,
अधूरी आंकांक्षाओं के बीज लिए ये रात दिन के मार्ग।

बस पनपेगा कब ये बीज, मन सोचता,
समझौते पर विवश वो, रात दिन एक करता,
बची रह जाती फिर भी जीवन में सपनों की कुछ शाम ।

ठहरे से जीवन में छोटी सी खुशी के पल ये अधूरे सपने.....!

No comments:

Post a Comment