Wednesday, 2 March 2016

गरीब होना क्या गुनाह?

कोई बताए! गुनाह है क्या गरीब होना भी?

चीथडों में लिपटा है इक गरीब,
क्या पाया है उसने भी नसीब ?
मिला उसको भी  हैै एक शरीर,
कहलाता वो भी है इक इंसान।

मानव श्रृंखला की वो इक कड़ी,
श्रृंखला ये उसके बिन पूरी नहीं,
नंगा वो,पर है अहमियत उसकी,
गरीब मर जाना उसकी नियति?

सोचता हूँ,क्या जीवन है ये भी?
संवेदना गुम कहाँ इन्सानों की ?
विसंगति कैसी! ये श्रृंखला की?
गुनाह है! क्या  गरीब होना भी?

सोंचे क्या संवेदनशील इन्सान हैं आप भी?

2 comments:

  1. Garibi n to Aasman se aur n prithwi se aati hai......
    Aur n hi Garib hona GUNAH hai.
    Amir hone ka mulmantr, Jiwan konsaiyamit aur.....SAYAMIT hona ka Adhar hai.

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