Wednesday, 20 January 2016

हसीन लम्हात

उन हसीन लम्हातों की खामोशियों मे,
आहट की कल्पना भी प्यारी है तुम्हारी,
रंग कई बिखर जाते हैं आँखों के सामने
डूब जाता है सारा आलंम गुजरिशों में।

दूर एक साया दिखता बस तुम्हारी तरह,
शायद सुन लिया है गीत मेरा तुमने भी,
पास आते हो तुम किसी मंजर की तरह,
गूंज उठते हैं संगीत के स्वर ख्यालों में।

याद बनकर जब कभी छाते हो दिल पर,
शहनाईयाँ सी बज उठती हैं विरानियों मे,
सैंकड़ों फूल खिल उठते मधुरस बरसाते,
झूम उठता हृदय का भँवर मधुर पान से। 

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