Friday, 8 January 2016

पल वापस मिल गए


वो एक पल!
हर पल वो लम्हा,
आँसुओं में भीगे वो पल,
तुमने जब छोड़ा था दामन,
लम्हे रीत गए सदियों बीत गए,
वो एक पल कभी बीता ही नहीं।

उस पल की उदासी,
आँखों की भीगी पलकें,
लबों पे लरजते अल्फाज,
मन के अंदर तुफानों के भँवर,
वो एक पल कभी बीता ही नहीं।

पर ये क्या इस पल?
इक चेहरे में दिखता तेरा नूर,
आँखों मे दिखती फिर वही प्यास,
बातों मे उसकी मिलती वही मिठास,
हाँ, वो एक पल वापस मिल गए हैं मुझे।

No comments:

Post a Comment