छंद बिखरे क्षणों के अब बन गए है गीत मेरे!
बिखर गई हैं आज हर तरफ खुशियाँ यहाँ,
सिमट गए हैं दामन में आज ये दोनो जहाँ,
खोल दिए बंद कलियों ने आज घूँघट यहाँ,
खिल गए हैं अब मस्त फूलों के चेहरे यहाँ।
गुजरकर फासलों से अब मिल गई मंजिल मेरी।
शूल यादों के सभी फूल बनकर खिल गए,
सज गई महफिलें हम और तुम मिल गए,
थाम लो मुझको यारों आज वश में मै नही,
मस्त आँखों से सर्द जाम पी है मैनें अभी।
लम्हों के इन कारवाँ में गुजरेगी अब जिन्दगी मेरी।
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