Friday, 29 January 2016

ईश्वर विनती

हे ईश्वर, मेरी इतनी अभिलाषा पूरित कर!
हे ईश्वर, बस विनती तू मेरी सुन ले!

स्वर्गिक स्पर्शो का मै अनुरागी,
हर्ष विमर्शों का मैं प्रेमी,
मधुर स्मृतियों की क्षण का मैं याचक।

हे ईश्वर, बस इतनी चाह मेरी पूरी कर!

उज्जवल क्षण का अभिलाषी,
निश्चल अंतर्हृदय का वासी,
महत् कर्म मधुरगंध का मैं याचक।

हे ईश्वर, बस मेरी वीणा को तू स्वर दे!

चमकीले आडंबर का बैरागी,
नैसर्गिक धन का मैं प्रेमी,
अंतर के स्वर वीणा का मैं वादक।

हे ईश्वर, बस विनती तू मेरी सुन ले!
हे ईश्वर, बस मेरी इतनी अभिलाषा पूरित कर!

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